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यह चर राशि है, अग्नि तत्त्व वाली है, तथा अग्नि- त्रिकोण की यह प्रथम राशि है | इसका स्वामी मंगल है, जो स्वयं अग्नि-ग्रह है | राशि और स्वामी का यह संयोग इसकी अग्नि या ऊर्जा को और बढ़ा देता है |
यह राशि मनुष्य के शीश पर निवास करती है | यह अदम्य साहस, शौर्य और बल-विक्रम का प्रतीक बनकर बलिदान और ओज की सृष्टि करके पुरुष को निर्भीकता और दृढ़ता की ओर ले जाती है | इसका रक्तवर्ण है | तरुण अवस्था है | यह पूर्व दिशा में निवास करती है | इसके मधुर स्पर्शन से धातु व अन्न का सर्जन होता है | यह रात्रि में बली रह
मोती (पर्ल) ज्योतिष शास्त्र का एक प्रमुख रत्न है। यह एक जैविक संरचना है। यह ज्योतिष शास्त्र के नौ प्रमुख रत्नों में से एक महत्वपूर्ण रत्न है। यह रत्न चंद्रमा से सम्बंधित है। कभी-कभी, इसका उपयोग दवाओं में भी किया जाता है। यह देखने में बहुत सुंदर और शांत होता है।
यह आपके दिमाग और शरीर के रसायनों पर सीधा प्रभाव डालता है। यह कभी भी तेजी से प्रभावित नहीं करता है। इसका प्रभाव बहुत धीमा और सूक्ष्म होता है। इसलिए, लोगों का मानना है कि यह नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
पंचमुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव की सभी शक्तियां समाहित होती है। इस धरा के पंच तत्व और पांच पांडव इस रुद्राक्ष के देव माने गए हैं। इस रुद्राक्ष (Paanch Mukhi Rudraksha) का स्वामी ग्रह गुरु होता है। मान्यता अनुसार इस रुद्राक्ष के कम से कम तीन दाने धारण अवश्य करने चाहिए।
पंचमुखी रुद्राक्ष के फायदे (Benefits of Paanch Mukhi Rudraksha)
* इस रुद्राक्ष को धारण करने से मान सम्मान और धन की प्राप्ति होती है।
* यह रुद्राक्ष धनु और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ होता है।
* यह सभी सिद्धियों की प्राप्ति और पा
माँ बगलामुखी का यह मन्त्र बहुत ही असर करने वाला है और यह मनुष्य के दुखों को दूर करने में समर्थ है. इस मंत्र के जाप से आप अपने जीवन की सभी परेशानी दूर कर सकते है आप अपनी असफलताओं पर विजय पा सकते है अपने दुश्मनों को पराजित करने में भी सफल हो सकते है.
बगलामुखी मंत्र अनुष्ठान से पहले
ॐ ह्ल्री बगलामुखी सर्व दुश्तानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय स्तम्भय |
जिव्हां कीलय कीलय बुद्धिम विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ||
पुखराज एक शक्तिशाली रत्न है अगर इसे ठीक से पहना जाये तो इससे बहुत चमत्कारी लाभ मिलता है । पुखराज की सकारात्मक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाला बृहस्पति ग्रह का रत्न है । बृहस्पति जो ज्ञान, भाग्य, समृद्धि और खुशी का प्रतीक है यह उपर्युक्त सभी लाभों को उस मनुष्य को देता है जो उत्साह से इस रत्न को पहनते हैं। इसे संस्कृत में ‘पुश राजा’ के नाम से जाना जाता है ।
पन्ना पहनने के लाभ पन्ना रत्न बुध ग्रह से सम्बन्धित है और बुध का स्मरण शक्ति पर सबसे अधिक प्रभाव रहता है, इसलिए जिन लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर हो, उन्हें पन्ना धारण करने लाभ होता है। जो लोग किसी भी प्रकार का व्यापार करते है उनके लिए पहनना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है। जिन बच्चों का पढ़ाई में मन न लगता हो या फिर जो पढ़ते हो वह शीघ्र ही भूल जाते है, उन्हें चांदी के लाकेट में पन्ने को बनवाकर गले में धारण करवाना चाहिए।
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नौ ज्योतिषीय रत्नों में से नीलम सबसे प्रभावी और सबसे जल्दी असर करने वाला रत्न हैं। नीलम रतन धारण वालो के लिए यह धन में लाभ, समस्या का समाधान, अप्रत्याशित लाभ आदि के साथ तुरंत प्रभाव दिखाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नीलम शनि का रत्न है। शनि एक दैत्य ग्रह है और शनि की अवधि एक व्यक्ति के जीवन को बना या ख़राब कर सकता है नीलम धारण करने की सलहा सावधानी के साथ किया जाना देना चाहिए। बिना सलाह के नीलम पहनने से दुर्घटनाओं, स्वास्थ्य समस्याओं हो सकती है